Ganesh Chaturthi 2023: गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है?

हर साल गणेश चतुर्थी बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है और भारत वैसे भी त्योहारों का देश है और यहाँ पर हर राज्य के एक मुख्य त्यौहार होते है. गणेश चतुर्थी एक बड़ा त्यौहार है जो की मुंबई के साथ-साथ पूरे देश में बड़े धूम-धाम से बनाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते है गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है? Ganesh Chaturthi 2023 कब आने वाला है?

हर साल बडे जश्न के साथ मनाया जाने वाला गणेश चतुर्थी का त्यौहार फिर से दस्तक देने को है. गणेश चतुर्थी इस साल 10 सितंबर को है और गणेश चतुर्थी हिंदूओं का दस दिन तक चलने वाला त्यौहार होता है जिसमें वो अपने गणेश भगवान् के जन्म तौर पर मनाते हैं. गणेश शंकर और पार्वती के बेटे हैं जिन्हें 108 नामों से जाना जाता है. सभी देवताओं में सबसे पहले गणेश की ही पूजा की जाती है. ऐसे में चलिए जानते हैं आखिर क्यों मनाई जाती है गणेश चतुर्थी?

गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है?

गणेश चतुर्थी का त्योहार हिंदू एवं बहुत से अन्य समुदाय के लोगों द्वारा पूरी दुनिया में मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है. गणेश चतुर्थी या विनायक चतुर्थी भगवान गणेश के जन्म का उत्सव है भक्त गणपति बप्पा का उनके निवास पर स्वागत करते हैं, उनसे प्रार्थना करते हैं और अगले साल लौटने के वादे के साथ उनके जयकारे लगातें है.

गणपति बाप्पा को हिन्दू धर्म में एक शुभ सूचक के रूप में जाना जाता है और बिना इनके पूजा के कोई भी नया काम शुरू नहीं होता है. देश की वित्त राजधानी मुंबई में गणेश महोत्सव बड़े धूम-धाम मनाया जाता है.

श्री गणेश भगवान् जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ था इसीलिए हर साल इस दिन गणेश चतुर्थी धूमधाम से मनाई जाती है. भगवान गणेश के जन्म दिन के उत्सव को गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है. गणेश चतुर्थी के दिन, भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है. यह मान्यता है कि भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष के दौरान भगवान गणेश का जन्म हुआ था. ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश का जन्म मध्याह्न काल के दौरान हुआ था इसीलिए मध्याह्न के समय को गणेश पूजा के लिये ज्यादा उपयुक्त माना जाता है.

यह त्यौहार पूरे भारत देश में मनाया जाता है,पर महाराष्ट्र में इस त्यौहार की अलग विशेषता है मुंबई में कई पंडाल सुंदर और मन को मोह लेने वाली गणेश प्रतिमाओं से बनाये जाते हैं. गणेश भगवान जी की भक्तों में इन मूर्तियों को अपने घर ले जाने की जैसे होड़ मची हुई है. इस दिन लोग उत्सव के लिए विभिन्न प्रकार के भोजन तैयार करते हैं. हिंदू धर्म में गणेश जी की पूजा करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है.

ऐसा माना जाता है कि जो लोग पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ उनकी पूजा करते हैं, उन्हें खुशी, ज्ञान, धन और लंबी आयु प्राप्त होगी और उनकी सभी मनोकामना पूरी होती है. गणेश जी का यह जन्मोत्सव ganesh chaturthi story के हिसाब से चतुर्थी तिथि से लेकर दस दिनों तक चलता है. अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी की प्रतिमा विसर्जन के साथ यह उत्सव संपन्न होता है. महाराष्ट्र में यह त्यौहार विशेष रूप से लोकप्रिय होता है.

Ganesh Chaturthi Story in Hindi

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार गणेश के जन्म से जुड़ी कई कहानियां हैं. शिवपुराण के अन्तर्गत रुद्रसंहिताके चतुर्थ खण्ड में यह वर्णन है कि माता पार्वती ने स्नान करने से पूर्व अपने शरीर से उतारी गई मैल से बनाया था और जब वो नहाने गई तो गणेश को अपनी रक्षा के लिए स्नान घर के बाहर बिठा दिया. शिव भगवान जो पार्वती के पति हैं, जब घर लौटे तो अपने पिता से अनजान गणेश ने उन्हें रोकने की कोशिश की जिससे शिव को क्रोध आ गया और उन्होने गणेश का सिर काट दिया.

जब पार्वती जी नहा कर बाहर आयी और गणेश जी का कटा हुए सर देख कर बहुत क्रोधित हुयी और भगवान् शंकर से कहा मुझे मेरा बेटा जीवित चाहिए और इसके लिए शंकर भगवान् विष्णु जी के पास गए. विष्णु जी की निर्देशनुसार उन्होंने रस्ते में मिले सबसे पहले जीव जो की एक हाथी था उसका सर गणेश जी के शरीर पर लगा दिया और उसी दिन गणेश जी का एक नया नाम हो गया गजानन और इसी खुशी के पर्व पर मनाया जाता है गणेश चतुर्थी.

ऐसे की जाती है गणेश चतुर्थी पूजा

Ganesh Chaturthi Pooja

इस साल 10 सितंबर से गणेश चतुर्थी की शुरूआत होगी जिसे शुक्ल चतुर्थी का दिन भी कहा जाता है. अनंत चतुर्थी के दिन इस त्यौहार का समापन होता है. यह पूजा करने के 4 मुख्य रिवाज होते हैं.

इसमें सबसे पहला रिवाज त्यौहार के पहले दिन घर में मूर्ति के स्थापन के साथ शुरू होता है. हर साल ढोल-तासो के साथ गणेश भगवान की मूर्ति पंडाल में स्थापित किया जाता है.

इसके बाद गणेश के 16 रूपों की पूजा की जाती है जिसमे कुमकुम, फूल और मोदक सबसे मुख्य होते है पूजा के लिए और यह पूजा हर दिन होती है.

तीसरे रिवाज में गणेश की प्रतिमा को स्थानांतरित किया जाता है और इसके आखिरी रिवाज में इस प्रतिमा को विसर्जित कर दिया जाता है जिसे गणपति विसर्जन के रूप में मनाया जाता है.

पूजा के लिए जरूरी सामग्री

गणपति की मूर्ति को घर में स्थापित करने के समय सभी विधि विधान के अलावा जिन सामग्री की जरूरत होती है, वो इस प्रकार हैं. शुद्ध जल, दूध, दही, शहद, घी, चीनी, पंचामृत, वस्त्र, जनेऊ, मधुपर्क, सुगंध चन्दन, रोली सिन्दूर, अक्षत, फूल माला, बेलपत्र दूब, शमीपत्र, गुलाल, आभूषण, सुगन्धित तेल, धूपबत्ती, दीपक, प्रसाद, फल, गंगाजल, पान, सुपारी, रूई, कपूर.

गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है? इसके बारे में हम सभी जानकारी होना चाहिए और हिन्दू सामाज में गणेश जी का बड़ा महत्व है और बिना गणेश जी के पूजा के कोई काम शुरू नहीं होता है. इस साल 2021 में हम गणेश चतुर्थी को और धूम धाम से मनाएंगे क्योकि पिछले साल कोरोना की वजह से हम सही तरीके से इस त्यौहार को मना नहीं पाए.

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