हेमिस गोम्पा त्यौहार जो भारत देश का के बहुचर्चित फ़ेस्टिवल है और साल यह देश में सबसे ठन्डे प्रदेश में मनाया जाता है. लेकिन बहुत सारे लोग अभी भी नहीं जानते है की हेमिस गोम्पा त्यौहार कहाँ मनाया जाता है? और कब वह जाकर इस त्यौहार का लुफ़्त उठा सकते है.
हेमिस गोंपा का अद्भुत, रंग बिरंगा पवित्र त्यौहार- हेमिस त्योहार और अगर आप ट्रैवेलर है और इसके बारे में नहीं जानते है तो दुनिया के सबसे खूबसूरत जगह पर आप जाकर भी इस त्यौहार से वंचित रह जायेंगे इसलिए जानते है की हेमिस त्योहार कहाँ और कब मनाया जाता है?
लेकिन इससे पहले थोड़ा जानकारी हासिल कर लेते है.
हेमिस फ़ेस्टिवल
भारत एक ऐसा देश है जहाँ पूरे साल हर रोज़ कहीं ना कहीं कोई त्यौहार मनाया ही जाता है. अगर त्यौहार नहीं तो मेले का आयोजन तो ज़रूर ही होता है. इसी तरह यहाँ के लद्दाख में प्रकृति के असंख्य रंगों के साथ, यहाँ के सबसे बड़े मठ हेमिस गोंपा का एक और रंग है जो आप हेमिस के त्यौहार में देख पाएँगे.
लद्दाख ऐसा क्षेत्र है जो अपनी संस्कृति से अब तक जुड़ा हुआ है और यहाँ की शांति और यहाँ की प्रकृति का अनुभव लेने के लिए सब एक बार यहाँ की यात्रा ज़रूर करना चाहते हैं। लद्दाख के इसी शानदार खूबसूरती के साथ हम आपको एक झलक यहाँ के सबसे प्रसिद्ध और अलग त्यौहार की दिखाते हैं.
अब आपको बताते हैं कि हेमिस फ़ेस्टिवल आखिर मनाते क्यों हैं. जैसा कि आप लोगों को पता होगा कि लद्दाख को मिनी तिब्बत भी कहते हैं. लद्दाख के हेमिस फ़ेस्टिवल का इतिहास से गहरा नाता है. दरअसल गुरु रिन्पोछे पद्म संभव 8वीं सदी में महान बुद्धिष्ट मास्टर थे. माना जाता है कि उन्होंने लद्दाख से बुरी आत्माओं को भगाया था। इसलिए इस त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर देखा जाता है.
हेमिस गोम्पा त्यौहार कहाँ मनाया जाता है?
हेमिस त्यौहार लेह से लगभग 45 किलोमीटर के दूरी पर हेमिस मठ के ही परिसर में हर साल बौद्धिक कैलंडर के अनुसार उनके पाँचवें महीने में मनाया जाता है. जो इस बार 14 जुलाई से 15 जुलाई तक मनाया जा रहा है. यह त्यौहार यहाँ के भगवान पद्मसम्भवा(गुरु ऋींपोचे) को समर्पित है।कहा जाता है कि उनके जीवन का बस एक ही लक्ष्य था, लोगों को अध्यात्म से जोड़ने का। यहाँ सबसे बड़ी थॅंका तस्वीर भी है जो आम लोगों के लिए 12 सालों में एक बार प्रदर्शित की जाती है.
यहाँ के निवासी यह मानते हैं की यह त्यौहार उनके अच्छे स्वास्थ्य और धार्मिक शक्ति को बढ़ाता है।त्यौहार के कार्यक्रम मठ के मुख्य द्वार के सामने वाले परिसर में आयोजित की जाती हैं. एक उँचे चबूतरे में गद्दे पर रंग बिरंगे तिबत्तन मेज़ को रखा जाता है जिस पर अनुष्ठानिक चीज़ें परोसा जाती हैं, जैसे कि- पवित्र जल के पात्र, कच्चे चावल, टॉरमस(आटे और मक्खन को गूथकर बनाया जाने वाला मिश्रण) और अगरबत्तियाँ।
हेमिस त्यौहार मनाते वहाँ के मूल निवासी यहाँ के निवासी यह मानते हैं की यह त्यौहार उनके अच्छे स्वास्थ्य और धार्मिक शक्ति को बढ़ाता है. त्यौहार के कार्यक्रम मठ के मुख्य द्वार के सामने वाले परिसर में आयोजित की जाती हैं.
एक उँचे चबूतरे में गद्दे पर रंग बिरंगे तिबत्तन मेज़ को रखा जाता है जिस पर अनुष्ठानिक चीज़ें परोसी जाती हैं, जैसे कि- पवित्र जल के पात्र, कच्चे चावल, टॉरमस (आटे और मक्खन को गूथकर बनाया जाने वाला मिश्रण) और अगरबत्तियाँ.
जो लोग ट्रेवल करते है उनके लिए यह एक बेहतर एक्स्प्लोर करने वाला जगह हो सकता है हेमस मठ पर वह हमारे संस्कृति के बारे में जानकारी हासिल कर सकते है और वहा के मूल निवासियों के बारे में जानकारी भी हासिल कर सकते है.
दोस्तों आप सभी हेमिस गोम्पा त्यौहार कहाँ मनाया जाता है? के बारे में जानकारी मिल गया होगा लेह हमारे देश में पर्यटन के फेमस है ऐसे में आपके लिए हेमिस त्यौहार एक बड़ा उत्सव हो सकता है. अगर आप कभी यहाँ गए है तो इसके बारे में हमें कमेंट में जरूर बताये.