GSLV और PSLV का मतलब क्या होता है? इंडियन स्पेस के बारे पूरी जानकारी

GSLV & PSLV Full Form In Hindi के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल करेंगे और अगर आप space technology में इंटरेस्ट रखते है तो पूरा आर्टिकल जरूर पढ़े.  स्पेस साइंस में इंटरेस्ट रखने वाले लोगो के लिए इसके बारे में जानकारी रखना बहुत जरुरी है और आगे चलकर उन ऐसे ही टेक्नोलॉजी के बारे में पढ़ना है. GSLV और PSLV दो ऐसे व्हीकल है जो की स्पेस में सॅटॅलाइट ले जाने के काम में आये है और कुछ समय पहले इंडिया ने जो मार्स मिशन किया था मंगलयान नाम से उसे इन्ही दोनों की मदद से ही भेजा गया था. ऐसे में आप समझ सकते है की इंडिया स्पेस साइंस में कितना महत्वपूर्ण योगदान है इन दोनों का और आज हम इनसे जुड़े कुछ अहम् जानकारी हासिल करेंगे.

अगर अंतरिक्ष में satellite (सेटलाइट) नहीं होते तो ना हम high speed internet का इस्तेमाल कर पाते और ना जीपीएस जैसे use mobile feature का इस्तेमाल का पाते और भी ऐसे बहुत कुछ है जो की सेटलाइट के भरोषे ही चलते है. लेकिन इन्हे अंतरिक्ष सेटलाइट खुद से नहीं जाते है इसके लिए उन्हें एक राकेट व्हीकल की जरुरत होती है.

PSLV and GSLV full form in hindi

अगर आप राकेट साइंस के बारे में जानकारी चाहते है या फिर स्पेस साइंस पढ़ना चाहते है तो आपको इन सब चीज़ो में रूचि दिखाना होगा। क्योकि राकेट सबसे इम्पोर्टेन्ट फैक्टर होता है स्पेस साइंस का और बिना इसके कोई मिशन नहीं कम्पलीट किया जा सकता है. आज हम देश के दो बड़े राकेट के बारे में जानकारी हासिल करेंगे जिससे आज तक सभी मिशन कम्पलीट लिए गए है. तो आईये जानते हैं इसके बारे में विस्तार से जानते

PSLV Full Form In Hindi

PSLV full form होता है पोलर सैटलाइट लॉन्च वीइकल (Polar Satellite Launch Vehicle-PSLV) और यह भारत की 3rd generation satellite vehicle है जिसमे liquid engine का इस्तेमाल किया गया है और इस तरीके इंजन वाला पहले रॉकेट व्हीकल है. PSLV का पहला test 1994 में किया गया था जो की पूर्णतः सफल रहा और उसके बाद से ही यह बहुमुखी वर्कहोर्स लॉन्च वीइकल के तौर पर काम कर रहा है.

PSLV का के power का अंदाजा इस बात से आप लगा सकते है जब 2008 में भारत ने अपना चंद्रयान -1 अंतरिक्ष में भेजा था तो इसी का इस्तेमाल किया गया है और फिर इसका इस्तेमाल मंगलयान मिशन के लिए किया गया था.

PSLV का सबसे ज्यादा इस्तेमाल रिमोट सेंसिंग सैटलाइट को अंतरिक्ष में भेजने के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो की धरती की निगरानी करती है और मौसम और नेविगेशन का हाल बताती है. ये सभी सैटलाइट अलग-अलग तस्वीरें सेंड करती है और फिर उसी हिसाब से मौसम विभाग आगे की जानकारी देता है और इसी तरह के और भी बहुत से काम होते है.

पीएसएलवी 600 से लेकर 900 किलोमीटर ऊपर तक 1750 किलोग्राम के सैटलाइट्स को ले जाता है सके बाद सैटलाइट्स धरती की परिक्रमा करना शुरू करते है. लेकिन इतने बड़े वजन को धरती से अंतरिक्ष में ले जान आसान नहीं है इसलिए पीएसएलवी व्हीकल के पूरे प्रोसेस को चार स्टेज में बाटा गया है जो की सुचारु रूप से काम करने में मदद करते है.

  • 4th Stage: सबसे ऊपर जो की निकला भाग होता है उसके नीच का हिस्सा 4th stage कहलाता है इसका इस्तेमा किया जाता है 2 liquid engine होते है और इसके ऊपर पेलोड लगा होता है.
  • 3rd Stage: PSLV का जो 3rd stage होता है जिसमे powerful motor लगे होते है और चौथे चरण का निचे का हिसाब होता है और यह मदद करता है राकेट तेजी के साथ ऊपर धकेलने में और इसी वजह से बहुत तेजी के साथ राकेट ऊपर जाता है.
  • 2nd Stage: Rocket में जो PSLV C2 लिखा होता है और इस हिस्से को दूसरे चरण हिस्सा होती है. यहाँ पर क्रियाविधि होता है liquid engine इस्तेमाल करने का और इसी को development center बोलते है और इसको बनाया है लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर.
  • 1st Stage: PSLV के जिस हिस्से पर India लिखा होता है और पहला चरण होता है इस चरण में पावरफुल सॉलिड मोटर लगा होता है और इसके बूस्ट करने के लिए 6 स्ट्रैप होते है जो की राकेट की एनर्जी बढ़ने में मदद करते है और उन्ही चारो चरणों को मिलकर बनता है PSLV के पावरफुल मिसाइल.

GSLV Full Form In Hindi

GSLV full form होता है Geosynchronous Satellite Launch Vehicle और यह एक विकसित powerful Satellite Launch Vehicle है जिसका इस्तेमा बड़ी Satellite को अंतरिक्ष में भेजने के लिए किया जाता है. इसमें क्रायोजेनिक इंजन लगा होता है इसके इस्तेमाल 250 x 36000 किमी ऊपर अंतरिक्ष में सैटलाइट्स भेजने के लिए किया जाता है. चुकी इसके नाम GSLV ने साफ़ हो जाता है यह जिऑसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में Satellite को ले जाने का काम करता है जो की आसमान में बहुत ऊपर होता है.

GSLV का इस्तेमाल अंतरिक्ष में बड़ी Satellite भेजने के लिए होता है जो की स्थायी रूप से जगह पर फिक्स होता है और इनका इस्तेमाल telecom, communication के लिए होता है. आप इस बात से अंदाजा लगा सकते है की हमारे लिए GSLV जैसे rocket कितने महवत्वपूर्ण है और अगर ये नहीं होते तो शायद हम घर बैठे टीवी भी नहीं देख पाते.

GSLV में कुछ 4 बूस्टर और तीन स्टेज लगे होते है और इसको दो वर्शन में तैयार जीएसएलवी एमके-II इसका वजन 2500 किलोग्राम होता है और एलईओ इसका वजन 5,000 किलोग्राम होता है यानि जो इतने वजन के Satellite को आसमान में लेकर उड़ सकता है.

  • 1st Stage: इस हिस्से में 138 टन का सॉलिड रॉकेट मोटर लगा होता है जिसे ताकत देने के लिए 4 लिक्विड बूस्टर (स्ट्रैप ऑन) लगे होते हैं. यह पावरफुल बनाने में मदद करते है.
  • 2nd Stage: जीएसएलवी के दूसरे चरण में एक विकास इंजन का इस्तेमाल किया जाता है और यही इसके आधुनिकरण का हिस्सा है और यही सभी महत्वपूर्ण हिस्सा होता है.
  • 3rd Stage: सीई-7.5 भारत का पहला क्रायोजेनिक ईंधन है। इसे लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम द्वारा तैयार किया गया है। परंपरागत इंजन के मुकाबले यह ज्यादा ताकतवर धक्का देता है.

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PSLV Vs GSLV In Hindi

वैसे तो दोनों ही राकेट है जो की सॅटॅलाइट को स्पेस में ले जाने का काम करते है लेकिन दोनों का काम बिलकुल अलग है और इसमें PSLV कम दुरी तक जा सकता है और इसको ऐसे ही बनाया गया ताकि Earth के लिए को Satellite launch करना है तो इसका इस्तेमाल किया जाता है और GSLV का इस्तेमाल दूर तक किसी सॅटॅलाइट को ले जाने के लिए होता है.

यहाँ पर हमने दोनों के अंतर के बारे में कुछ पॉइंट जुटाए है जो की इसके बारे में जानकारी हासिल करने और दोनों के बीच अंतर् को समझने में मदद करेंगे और अगर आप इनके बारे में और विस्तार जानकारी हासिल करने के लिए आप ISRO के वेबसाइट पर जा सकते है वहां आपको सॅटॅलाइट और राकेट दोनों के बारे में विस्तार से जानकारी मिलता है.

  • दोनों का इस्तेमाल अंतरिक्ष में satellite भेजने के लिए किया जाता है एक बड़ी सॅटॅलाइट के लिए और एक छोटी.
  • PSLV पुराना है और GSLV नया एयर आधुनिक लेकिन दोनों का इस्तेमाल वर्तमान में हो रहा है.
  • जीएसएलवी ज्यादा वजन सॅटॅलाइट को अंतरिक्ष में जा सकता है और पीएसएलवी छोटे और कम वजन वाले सॅटॅलाइट को अंतरिक्ष में ले जान में सक्षम है.
  • PSLV में एक ट्रेडिशनल engine लगा होता है जो की एक नार्मल राकेट में लगा होता है और GSLV में क्रायोजेनिक रॉकेट इंजन लगा होता है जो की तेजी के साथ राकेट को तेजी के साथ आसमान में ले जाता है.
  • PSLV में ज्यादे हिस्से होते है इस लिए इसका खुद वजन ज्यादा होता है जबकि GSLV में कम हिस्से होते है इसलिए इसका वजन कम होता है.

उम्मीद है आपको GSLV & PSLV Full Form In Hindi के बारे में सभी जरुरी जानकारी मिला हो और अगर आप राकेट साइंस में इंटरेस्ट रखते है तो इसके लिए आपको इस तरीके के space technology के बारे में पता होना चाहिए. राकेट साइंस में इंटरेस्ट रखते है तो आपको देश के बहुत सारे इंस्टिट्यूट है जहाँ से इसके बारे में पढ़ाई की जा सकती है और फिर आप स्पेस साइंस में जॉब पा सकते है और अगर आपको इसके बारे में जानकारी है तो आप कमेंट में जरूर शेयर करे. 

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