हिंदी की वह कवयित्री जो असहयोग आंदोलन में भाग लेने वाली पहली महिला भी थीं.
उनका जन्म नागपंचमी के दिन इलाहाबाद के निकट निहालपुर नामक गांव में रामनाथसिंह के जमींदार परिवार में हुआ था
बाल्यकाल से ही वे कविताएँ रचने लगी थीं। उनकी रचनाएँ राष्ट्रीयता की भावना से परिपूर्ण हैं
महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में भाग लेने वाली प्रथम महिला थीं.